डीआरडीओ ने भारत की स्वदेशी हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र एमके 2 मिसाइल पर अपना प्रयास तेज कर दिया है। साथ ही इस मिसाइल के दोहरी पल्स रॉकेट मोटर के लिए कंपोजिट प्रोपेलेंट कास्टिंग की खरीद भी की है। इसके अलावा डीआरडीओ ने इसके लिए जरूरी हार्डवेयर असेंबली भी शामिल की है।
अब अस्त्र मार्क 2 का कठोर परीक्षण करने की तैयारी भी हो रही है। ताकी इस मिसाइल की क्षमताओं को मान्य किया जा सके।
डीआरडीओ ने इस साल के अंत तक इस मिसाइल का पूरी तकनीक के साथ टेस्ट करने का लक्ष्य बना रखा है। जिसके बाद इसके यूजर्स ट्रायल होंगे। अस्त्र एमके—2 अस्त्र एमके—1 का एडवांस वर्जन है। जिसकी रेंज और क्षमता दोनों ज्यादा है। एक बार ये सभी टेस्ट पूरे हो जाते हैं तो फिर इसका उत्पादन का रास्ता साफ हो जाएगा। और भारत इस हथियार के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा।
अस्त्र एमके-2 (Astra Mk-2) एक बियॉन्ड विजुअल यानी बीवीआर रेंज से हमला करने में सक्षम है। ये मिसाइल अपनी सटीकता के लिए जानी जाती है।
अस्त्र मार्क 2 की एक और खासियत ये है की ये लोकेशन बदलने वाले टारगेट को भी आसानी से तबाह कर सकती है।
भारतीय वायुसेना के लिए ये एक गेम चेंजर हथियार है। और इस हथियार को तेजस मार्क 1ए, तेजस मार्क—2,टेडबीएफ फाइटर जेट से लेकर एएमसीए पर भी लगाया जाएगा। कहा जा रहा है की भारतीय वायुसेना 200 अस्त्र मार्क—2 के ऑर्डर दे सकती है।
अगर बात की जाए इस मिसाइल की तकनीक की तो इसमें एक ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज लगाया गया है। जिसके जरिए ये मिसाइल अपने टारगेट पर नजर बनाती है। ओर फिर टारगेट कितना भी दाएं से बाएं हो जाए ये उससे टकराकर फट जाती है। अस्त्र एमके—2 में प्री—फ्रैगमेंटड एचएमएक्स या फिर हाई—एक्सप्लोसिव हथियार लगाए जा सकते हैंं।
भारत अस्त्र—3 पर भी काम कर रहा है
डीआरडीओ भविष्य को देखते हुए अस्त्र—3 को भी बना रहा हैं इसकी रेंज 350 किलोमीटर होगी। बात साफ है आगे चलकर भारतीय वायुसेना के पास अलग—अलग लक्ष्यों के खिलाफ अलग—अलग अस्त्र मिसाइलें होंगी।