चीन—पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना अपनी बड़ी रणनीति तैयार कर रही है। और सेना को आधुनिक बनाने के लिए देश में बने पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफॉर्म के बड़े ऑर्डर देने का विचार कर रही है।
सेना के अंदर लगभग तीन सालों तक चले कठोर आंतरिक परीक्षणों के बाद अब भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से तैयार किए गए पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफॉर्म टाटा-डीआरडीओ (WhAP) 8×8 के लिए अब बड़ी संख्या में आदेश दे सकती है। कुछ रिपोर्ट बता रही हैं की इनका आदेश सैकड़ों तक में हो सकता है।
डीआरडीओ (DRDO) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया WhAP 8×8 अभयचर क्षमताओं वाला प्लेटफार्म है जो कई भूमिकाओं को निभाने में सक्षम है। इससे पहले भारतीय सेना इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल्स (IPMV) के एक छोटे बैच को शामिल कर चुकी है। साथ ही साथ WhAP 8×8 प्रोटोटाइप के जरिए इसके कठोर मूल्यांकन भी किया गया है।
आपको बता दें जहां एक तरफ अमेरिका और भारतीय सेना स्ट्राइकर प्लेटफ़ॉर्म का भारतीय संस्करण को साथ में विकसित करने की बात कर रहे हैं, लेकिन साथ ही स्वदेशी WhAP 8×8 को भी पूरा समर्थन भी दिया गया है। कुछ डिफेंस एक्सपर्ट का तर्क है की भारत के स्वदेशी प्लेटफॉर्म की क्षमताएं, खासकर की अभयचर संचालन और कीचड़ भरे इलाकों में स्ट्राइकर से बेहतर है। और एैसी परिस्थिती में स्ट्राइकर को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
वैसे तो दोनों ही प्लेटफॉर्म भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं, और टाटा डीआरडीओ का WhAP 8×8 की जबरदस्त विशेषताएं भारतीय परिस्थितियों में सिद्ध प्रदर्शन करना इसे एक मूल्यवान संपत्ति बनाती है। और ये संभावित स्ट्राइकर संस्करण की क्षमताओं का पूरक हो सकता है।
बख्तरबंद वाहन का स्वदेशी विकास और उत्पादन भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है।
WhAP 8 x 8 उभयचर पहिएदार बख्तरबंद वाहन की भूमिकाएं
इसमें 30 मिमी इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन, 105 मिमी लाइट टैंक, कमांड पोस्ट वाहन, एम्बुलेंस, विशेष प्रयोजन प्लेटफॉर्म, 120 मिमी मोर्टार वाहक, सीबीआरएन वाहन जैसी विभिन्न इच्छित भूमिकाओं के लिए है।
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