रूस की हथियार निर्माता कपंनी कलाश्निकोव कंसर्न ने भारत के साथ लाइसेंस—उत्पादन समझौते के तहत बनने वाली AK-203 राइफल को लेकर बड़ा फैसला किया है। कपंनी ने कहा की उन्होंने भारत में अपनी राइफल के निर्माण के लिए 2024 के पहले छह महीनों के अंदर लगभग 3000 से ज्यादा औजारों और तकनीकी उपकरणों का निर्माण किया है। जिससे भारत में एके—203 के उत्पादन में काफी तेजी आएगी। साथ ही जो अनुबंधित राइफलें हैं उनकी संख्या को भी पूरा किया जाएगा।
किन उपकरणों को बनाया है कपंनी ने
कलाश्निकोव कंसर्न ने अपने बयान में कहा है की उनकी टूलिंग और हथियार उत्पादन इन औजारों को बनाने में शामिल थीं। जिसमें कटिंग उपकरण और स्टैम्प भी शामिल थी। साथ ही उन्होंने राइफल के परीक्षण करने के लिए 2000 से ज्यादा सैन्य गेज का निर्माण भी किया है।
कलाश्निकोव के अध्यक्ष की तरफ से कहा गया है की हमने भारत में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सक्रिय साझेदारी विकसित करना शुरू किया है। साथ ही उपकरणों का निर्माण के साथ शिपिंग समय पर पूरी तरह से की गई है।
सेना को अभी तक 35 हजार राइफलें मिल चुकी हैं
रूस—भारत संयुक्त उघम ने इस महीने भारत की सेना को 35,000 एके—203 राइफलें दी हैं। स्थानियकरण को बढ़ाते हुए कलाश्निकोव ने भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी में तकरीबन 4,500 से ज्यादा उपकरणों को पहुंचाया है। अमेठी में AK-203 राइफलों की उत्पादन यूनिट मौजूद है।
रूस भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण रूप से काम कर रहा है। आगे चलकर इन एके—203 राइफलों को ना केवल सेना को दिया जाएगा बल्कि भारतीय पुलिस को भी दिया जाएगा। और फिर इनका निर्यात भी किया जाएगा। रूस ने भारत को इस राइफल की पूरी तकनीक दी है।
इस महीने सेना को मिली 35,000 कलाश्निकोव राइफलें
विशेष रूप से, भारत-रूस संयुक्त उद्यम ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय सेना को 35,000 कलाश्निकोव राइफलें सौंपी हैं। उस समय रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के प्रमुख सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा, “भारत में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत (स्व-निर्भर भारत) कार्यक्रमों के पूर्ण अनुपालन में उत्पादन शुरू किया गया है।” स्थानीयकरण को बढ़ाने के लिए, कलाश्निकोव ने उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी में 4,500 से अधिक उपकरणों की इकाइयां पहुंचाईं, जहां भारत में कलाश्निकोव AK-203 राइफल उत्पादन इकाई स्थित है।
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