SSS Defense sniper bags mega contract from friendly nation
भारत की डिफेंस स्टार्टअप कपंनिया अब नई उंचाईयों को छू रही हैं। एैसी की फर्म है एसएसएस डिफेंस(SSS DEFENCE) जो छोटे हथियारों को बनाती है।
इस कंपनी को .338 लापुआ मैग्नम कैलिबर स्नाइपर राइफल ( .338 Lapua Magnum calibre sniper rifle) की आपूर्ति के लिए किसी मित्र देश से बड़ा एक्सपोर्ट अनुबंध मिला है। इस बारे में दिप्रिंट ने बताया है।
ये पहली बार है जब भारत किसी विदेशी देश में अपनी स्नाइपर राइफलों को निर्यात कर रहा है। इस स्नाइपर राइफल को पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। जिसमें की इस स्नाइपर की बैरल भी स्वदेशी है।

बड़ी बात ये है की भारत की निजी कंपनी को कई दोस्त देशों से करीबन 50 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के गोला—बारूद की आपूर्ति का अनुबंध भी मिल चुके हैं।
रक्षा सूत्रों की मुताबिक निजी कंपनियां अपने उत्पादों को बेचने के लिए कई ग्राहकों की भी तलाश कर रही है। और एैसे में भारत सरकार उनको पूरा समर्थन भी दे रही है।
कुछ रक्षा सूत्रों का कहना है की SSS डिफेंस ने पहले भी स्नाइपर राइफलों का एक्सपोर्ट पूर किया है, और इस स्नाइपर की जो रेंज है वो करीबन 1,500 मीटर से अधिक है।
एक और खास बात ये है की इस स्नाइपर राइफल की निर्यात क्षमता भी काफी अधिक है। और करीबन 30 देश .338 लापुआ मैग्नम स्नाइपर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

आपको बता दें की कुछ मित्र देशों के प्रतिनिधिमंडल ने बेंगलुरू में मौजूद इस कंपनी का दौरा भी किया था। और कई देश और इनसे बाते कर रहे हैं।
भले ही भारत स्नाइपर राइफलों को एक्सपोर्ट कर रहा है, लेकिन हमारी भारतीय सेना को भी इनकी जरूरत है। भारतीय सेना की उत्तरी कमान (Northern Command) ने 2019 में सीमित संख्या में .50 कैलिबर M95 और बेरेटा द्वारा .338 लापुआ मैग्नम स्कॉर्पियो TGT खरीदी थी।

लेकिन लगभग 4,500 स्नाइपर राइफलों का जो बड़ा ऑर्डर है वो अभी भी लंबित है, और डेढ़ साल पहले बोलियाँ मंगाई गई थीं, पर अभी तक इनके परीक्षण भी शुरू नहीं हुए हैं। एैसे में भारत की इस कंपनी के पास अच्छा अनुभव है। जो भारतीय सेना की मांग को पूरा कर सकता है।
इस बारे में कोई दो राय नहीं है की भारत का सालाना डिफेंस एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है, और मेक इन इंडिया कार्यक्रम एक नए मली के पत्थर को पार कर रहा है।