भारत के Zorawar लाइट टैंक और चीन के टाइप 15 लाइट टैंक का तुलनात्मक विश्लेषण

Indian Zorawar light tank vs. Chinese Type 15 light tank

भारत के जोरावर लाइट टैंक और चीन के टाइप 15 लाइट टैंक का तुलनात्मक विश्लेषण :

आधुनिक जंग में हल्के टैंक काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।, एैसै में भारत और चीन के बनाए गए लाइट टैंकों के बीच तुलनात्मक विश्लेषण तो बनता है। चीन और भारत दोनों ही देश अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहे हैं। डीआरडीओ और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के द्वार तैयार किया गया जोरावर लाइट टैंक एक बड़ी उपलब्धि है भारत के आधुनिक सैन्य प्रोग्राम के लिए।

पहले हम चीन के टाइप 15 लाइट टैंक के बारे में बताएं तो ये टैंक काफी आधुनिक है। और चीन काफी समय से इसका उपयोग कर रहा है। ये टैंक उसने पहाड़ी इलाके में अपनी गतिशीलता और ताकत बढ़ाने के लिए बनाया है।

अब हम जानते हैं दोनों अत्याधुनिक लाइट टैंकों के बीच की तुलना, जिसमें आप इन दोनों हल्के टैंको की तकनीकी विशिष्टताओं, विशेषताओं और रणनीतिक लाभों के बारे में जानेगें।

भारत का ज़ोरावर लाइट टैंक : मुख्य विशेषताएँ और क्षमताएँ ( Key Features and Capabilities
Zorawar Light Tank)

जोरवर लाइट टैंक में 750 हॉर्स पावर के दमदार इंजन लगाया गया है। 25 टन का ये टैंक अपनी असाधारण गतिशीलता के लिए तैयार किया गया है।

बहुमुखी प्लेटफ़ॉर्म : इस टैंक का high power-to-weight ratio है। जिससे इसकी बेहतर मारक क्षमता होती है। इसके साथ इसमें जबरदस्त संचार और निगरानी क्षमताएं भी लगाई गई हैं।

घातक मारक क्षमता : जोरावर लाइट टैंक दुश्मनों के वाहनों, कम उचांई वाले हेलीकॉप्टरों और दुश्मनों की किलेबंदी को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है।

स्पीड : इस टैंक की अधिकतम स्पीड 70 किमी/घंटा है। जो की इसे महत्वपूर्ण गतिशीलता प्रदान करता है।

चालक दल की दक्षता का बढ़ाना : ये हल्का टैंक तीन चालक दल से संचालित होता है। और इससे टैंक की दक्षता बढ़ती है और जनशक्ति की जरूरत कम हो जाती है।

परिवहन की बेहतर क्षमता : अपने वजन में हल्का होने के कारण जोरावर लाइट टैंक आसानी से परिवहन किया जा सकता है। रेल, हवा और सड़क से इसे परिवहन किया जा सकता है।

चीन का टाइप 15 लाइट टैंक: Type 15 Light Tank:

चीन के लाइट टैंक में 1000 हॉर्स पॉवर इंजन लगा है। इसकी 105 एमएम कैलिबर की गन लगी है।

उन्नत मारक क्षमता का होना : चीनी टाइप 15 लाइट टैंक की तीन किमी की प्रभावी फायरिंग रेंज है। और इसमें स्थिर 105 मिमी की राइफल वाली गन लगी है।

ऑटोलोडर सिस्टम का होना : इस टैंक बस्टल—माउंटेड ऑटोलोडर है जो इसे लगातार फायर करने की अनुमति देता है।

गोला—बारूद क्षमता : टाइप 15 की खास बात ये है की इसमें APFSDS, HEAT, HE राउंड और गन-लॉन्च ATGM सहित विभिन्न 105 मिमी के गोले के 38 राउंड हैं।

पेनिट्रेशन क्षमता: इस टैंक का : APFSDS प्रोजेक्टाइल 2,000 मीटर पर 500 मिमी बख्तरबंद स्टील में प्रवेश कर सकते हैं। यानी ये सुरक्षित दूरी से अपने लक्ष्यों पर हमला कर सकता है। जिसके लिए इसमें 105 मिमी गन-लॉन्च ATGM टेंडम HEAT वारहेड्स के साथ उच्च प्रवेश और 5 किमी की रेंज प्रदान करता है।

नए आधुनिक सिस्टम और सेंसर : टाइप 15 में आधुनिक सेंसर लगे हैं जैसे एक लेजर रेंजफाइंडर, उन्नत बैलिस्टिक कंप्यूटर, मौसम संबंधी सेंसर, थर्मल इमेजिंग साइट, मिलीमीटर-वेव रडार और कमांडर के पैनोरमिक साइट आदि।

चालक दल की सुरक्षा और आराम : चालक दल को आराम देने के लिए इस लाइट टैंक में एयर कंडीशनिंग, ऑक्सीजन-उत्पादन सिस्टम, कमांड और नियंत्रण सिसटम, युद्धक्षेत्र प्रबंधन सिस्टम और INS और सैटेलाइट नेविगेशन के साथ नेविगेशन सूट आदि लगाए गए हैं।

अब यहां पर हम कह सकते हैं की चीन का टाइप 15 और भारत का जोरावर लाइट टैंक दोनों ही चीन और भारत की टैंक तकनीक की जबरदस्त उदाहरण है।
जहां जोरावर अपनी बेहतर प्रतिभा, स्वदेशी विकास और रणनीतिक गतिशीलता पर ध्यान देता है तो वहीं टाइप 15 की मारक क्षमता ज्यादा घातक है। साथ ही इसमें आधुनिक सिस्टम लगाए गए हैं। दोनों ही देश डिफेंस रणनीति में अपना बड़ा योगदान दे रहे हैं। और नई तकनीकों को शामिल कर रहे हैं।

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