अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की तरफ से बड़ी घोषणा की गई है। कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा है की भारत की रुद्रएम-II हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण चल रहे हैं। हाल ही में 29 मई 2024 को इस मिसाइल का टेस्ट भारतीय वायु सेना के 30 MKi से सफलतापूर्वक किया गया था। अब अगले छह महीनों में इसके और ड्रॉप ट्रायल किए जाएंगे। और उसके बाद 2025 के मध्य से इसका सीरियल प्रोडक्शन शुरू हो सकता है।
DRDO RudraM-II Missile Production in 2025

अगर बात करें रुद्रएम-II की ये वो हथियार है जो भारत की ताकत में एक बड़ा इजाफा करेगा। भारत ने स्वदेशी तकनीक के आधार पर इसे तैयार किया है। ये मिसाइल ठोस प्रणोदन (solid propulsion) द्वारा संचालित होती है। और ये दुश्मनों के हाई वैल्यू टारगेट को बेअसर कर सकती है। इस मिसाइल के शामिल होने से हमारी वायु सेना की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी। 2025 से ये मिसाइल भारतीय वायु सेना के शस्त्रागार में शामिल होने लगेगी। जिससे हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमता काफी बढ़ जाएगी। RudraM-II एक एंटी—रेडिएशन और जमीन पर अटैक करने वाली मिसाइल है। जिसके अधिकतर परीक्षण पूरे हो चुके हैं।

डीआरडीओ Defence Research and Development Organisation ने कई नई अत्याधुनिक तकनीकें रुद्रएम-II में एकीकृत की हैं।
रुद्रएम-II (RudraM-II) विशेषता :
1. इसकी रेंज करीबन 300 किलोमीटर तक होगी।
2. स्पीड यानि गति की बात की जाए तो मैक 5.5 तक है।
3. ये 200 किलोग्राम के पेलोड ले जा सकती है।
सबसे खास बात रुद्रएम-II की ये है की ये आसानी से 100 किलोमीटर की दूरी से दुश्मनों के रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी का भी पता लगा सकती है।
शुरूआत में इसे सुखोई फाइटर (Su30mki) जेट में लगाया जाएगा, बाद में रुद्रएम-II को तेजस मार्क 1ए, तेजस मार्क 2, राफेल और एमसीए (AMCA) पर भी लगाए जाने की योजना है।
ये भारत की वायु सुरक्षा में बल गुणाक के रूप में काम करेगी। भारत लगातार मिसाइल क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। जो की हमारे रक्षा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपल्बधी है।