- भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएगी अस्त्र मार्क—1 मिसाइल
2. अस्त्र मार्क 1 के उत्पादन के लिए BDL को दी मंजूरी
3. 200 से ज्यादा देसी अस्त्र मार्क—1 मिसाइलें होंगी इंडियन एयरफोर्स में शामिल होंगी
भारतीय वायुसेना को अब मिलेगी वो ताकत जिसका काफी लंबे वक्त से इंतजार किया जा रहा था। अब अस्त्र मार्क—1 से लैस होगा भारत का तेजस और सुखोई—30 फाइटर। ये मिसाइल भारत की स्वदेशी तकनीक पर बनी है। आपको बता दें की भारत की वायु सेना ने 200 अस्त्र मार्क 1 मिसाइलों का आदेश भारत डायनामिक्स लिमिटेड को दिया है। इस देसी मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है की ये हवा में ही दुश्मनों के लक्ष्यों को भेद सकती है। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने बनाया है, और बीडीएल इसका उत्पादन करेगी।
भारतीय वायु सेना ने मिसाइलों के उत्पादन के लिए मंजूरी दी
बताया गया है की डीएसी यानि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 2900 करोड़ रूपये की इस महत्वपूर्ण परियोजना को पिछले साल मंजूरी दे दी थी। लेकिन इसके कुछ परीक्षण बचे थे। जिन्हें अब पूरा कर लिया गया है।जिसके बाद इनके उत्पादन का रास्ता खुल गया है।
भारत के तेजस और सुखोई—30 की ताकत बढ़ेगी
भारतीय वायु सेना तेजस और सुखोई—30 में अस्त्र मिसाइल को लगाया जाएगा। जिससे इनकी क्षमता और ताकत और ज्यादा बढ़ेगी।
DRDO का अस्त्र प्रोग्राम
डीआरडीओ मिसाइल तकनीक में बड़ी छलांग लगा चुका है। और वे भारत की एयर फोर्स की क्षमताओं को धीरे—धीरे बढ़ा रहा है। बता दें की अस्त्र मिसाइल का एडवांस वर्जन अस्त्र मार्क 2 और मार्क 3 पर काम चल रहा है। अस्त्र मार्क 2 की रेंज 160 किलोमीटर तक होगी तो अस्त्र मार्क 3 की रेंज 300 किलोमीटर तक होगी। जिसे राफेल और एएमसीए पर भी लगाया जाएगा।
एक बात तो माननी पढ़ेगी की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भारत को और मजबूत बनाएगी। और मिसाइल क्षेत्र में स्वदेशी मिसाइलें हमारी विदेशों की महंगी मिसाइलों पर निर्भरता कम कर देगी। इसके अलावा भारत इन मिसाइलों को मित्र देशों को भी निर्यात कर सकता है। जिससे हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।
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